शुक्राणुओं की संख्या और स्वास्थ्य पुरुष प्रजनन क्षमता में महत्वपूर्ण कारक हैं। वीर्य के एक सेम्पल में मौजूद शुक्राणुओं की औसत कुल संख्या को स्पर्म काउंट कहा जाता है। हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देश के अनुसार, शुक्राणुओं की संख्या 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर (एमएल) या 39 लाख प्रति सेम्पल होनी चाहिए। शुक्राणुओं की संख्या 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर से कम होना असामान्य माना जाता है और इसके परिणामस्वरूप पुरुष बांझपन हो सकता है।
शुक्राणुओं के स्वास्थ्य से जुडे़ जरूरी बिन्दु
इन्दिरा आईवीएफ की चीफ इनफर्टिलिटी एंड आईवीएफ स्पेशलिस्ट डॉ. रोहिणी ने बताया कि, “स्पर्म काउंट का सीधा संबंध स्पर्म हेल्थ से जुड़ा होता है। अपने शुक्राणुओं के स्वास्थ्य को बेहतर करने के लिए सोचना शुरू करें, इससे पहले शुक्राणु स्वास्थ्य के जुड़े महत्वपूर्ण बिन्दुओं को समझना आवश्यक है। ” इसमें शामिल हैं –
अब सवाल यह उठता है कि स्पर्म काउंट कैसे बढ़ाया जाए? इसका जवाब उतना कठिन नहीं है जितना हम सोचते हैं । आप तीन तरीकों से शुक्राणुओं की संख्या में सुधार कर सकते हैं: – जीवन शैली में परिवर्तन, खानपान और सप्लीमेंट्स। यदि शुक्राणुओं की संख्या बहुत कम है तो उपचार करवाने का सुझाव दिया जाता है।
आईये सभी पर एक-एक करके नजर डालते हैं –
जीवनशैली में बदलाव – वर्तमान जीवनशैली पुरुष और महिला दोनों में निःसंतानता का प्रमुख कारक है । जीवनशैली में थोड़ा बदलाव संतान के रूप में खुशियांे के द्वार खोल सकता है।
इन्हें कहें ना –
वैसे तो शुक्राणुओं की संख्या और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए कई विकल्प हैं लेकिन इसके लिए कुछ आदतों को सबसे पहले अपनाना चाहिए।
इन्हें अपनाएं –
खाद्य पदार्थ जिनमें अनेकों स्वास्थ्य लाभ व शुक्राणुओं की संख्या बढ़ाने की क्षमता शामिल हैं नीचे सूचीबद्ध हैं –
अगर आपके शुक्राणु की संख्या बहुत कम है तो डॉक्टर कुछ दवाएं सजेस्ट कर सकते हैं । यह दवाएं आपकी अन्य स्वास्थ्य स्थितियों और कम शुक्राणुओं की संख्या पर निर्भर करती हैं ।
कम शुक्राणुओं के उपचार में नीचे सुचीबद्ध दवाएं शामिल हो सकती हैं –
कम स्पर्म काउंट कोई बीमारी नहीं है। इंदिरा आईवीएफ इलाहाबाद सेंटर की डॉ. रीमा सिरकार कहती हैं, “ शुक्राणुओं की कम संख्या पुरुषों में निःसंतानता का एक प्रमुख कारण हो सकता है। यदि स्पर्म काउंट 10 से 15 मिलियन प्रति मिलीलीटर के बीच है तो आईयूआई, 5 से 10 मिलियन प्रति मिलीलीटर के बीच है तो दम्पती को आईवीएफ तकनीक से गर्भधारण करने की सलाह दी जाती है। पुरुष में शुक्राणुओं की संख्या 5 मिलियन प्रति एमलए से कम होने पर आईसीएसआई (इक्सी) अधिक कारगर तकनीक साबित हो सकती है। ” यह बात ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि आईयूआई की तुलना में आईवीएफ की सफलता दर अधिक है।
2023
Male Infertility Guide to infertility treatments
माता-पिता बनने से महरूम रहना भ...
2023
Sperm is a crucial component of the reproductive system in males. It is a spec...
2023
Female Infertility Male Infertility
While it depends on the correct circumstances and the stage of the woman's men...
2023
Do you feel at times that the size of your testicles has increased or decrease...
2023
Male Infertility Infertility Tips
What is Hyperspermia? Hyperspermia is a condition where an individual produ...
2022
पुरूष निःसंतानता शब्द कुछ सा�...
2023
Male Infertility Guide to infertility treatments
What is Varicocele? Varicocele is a medical condition where the veins in th...
2022
Infertility Tips Male Infertility
How Are Obesity And Male infertility Related? Male Infertility and Obesity ...
2022
Infertility Tips Male Infertility
What is Male Infertility? Male infertility is the lack of ability to genera...
2022
Infertility Tips Male Infertility
In addition to spermatozoa, semen is composed of prostatic and seminal vesicul...
Get quick understanding of your fertility cycle and accordingly make a schedule to track it